COVID-19 लॉकडाउन ने SIBM पुणे को जीवन कौशल प्रदान करने के लिए प्रेरित किया है जो कि भविष्य के मैनेजर्स को महामारी के दौरान जीवित रहने के लिए आवश्यक हो सकता है।
COVID-19 ने सोशल डिस्टेंसिंग को जीवन में एक विकल्प से अधिक एक आवश्यकता बना दिया है। इसने कई, विशेष रूप से आज कल की युवा पीढ़ी, खासकर उन लोगों को जो अकेले रहते हैं , उन्हें खाना पकाने जैसे जीवन कौशल सीखने के लिए मजबूर कर दिया है। यह इसलिए भी है क्यूंकि कोरोना महामारी की वजह से वे अपने घर पर काम करने वाले लोगों को भी नहीं बुला पा रहे हैं।
हालांकि फास्ट फूड और स्नैक्स उन्हें कुछ देर का आराम दे सकते हैं, लेकिन सोशल मीडिया में आजकल लगभग सभी लोग घर में बने खाने की तसवीरें पोस्ट कर रहे हैं जिस कारण मानो एक ऑनलाइन प्रतिस्पर्धा की शुरुआत हो गई हो। पोस्ट – मिलनिअल्स (1997 मैं या उसके बाद पैदा होने वाले लोग ) अपने फोटोशॉप कौशल के नमूने सामने ला रहे हैं जिसमे वे स्वयं पकाये भोजन के साथ अपने चित्रों को पोस्ट कर रहे हैं।
COVID-19 महामारी के चलते हुए लॉकडाउन की स्थिति ने कई युवाओं को चावल, दाल-रोटी और यहां तक कि विदेशी वेज और नॉनवेज करी पकाने की कोशिश करने के लिए मजबूर कर दिया है । हालांकि युवा इंजीनियरों और मैनेजर्स द्वारा पकाए जा रहे भोजन के स्वाद के बारे में किसी को पता नहीं चलेगा, लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में उनकी डाली हुई तस्वीरों को देखके ये ज़रूर समाज आ रहा है कि इन सभी के फोटो एडिटिंग स्किल्स निश्चित रूप से बेहतर होते जा रहे हैं।आज सच्चाई यह है कि कई पोस्ट-मिलेनियल्स यूट्यूब की और अपने परिवार वालों की मदद से खाना पकाना सीख रहे हैं। इन सब बातों ने बी-स्कूल SIBM Pune को अपने प्रशिक्षुओं को जीवन कौशल प्रदान कर सकें जिन्हें आने वाले जीने के लिए विभिन्न कौशल सेटों की आवश्यकता होगी।
सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट पुणे (SIBM पुणे) ने अपने सभी एमबीए और एमबीए (आईएंडई) और एमबीए (एलएंडएस) छात्रों के लिए खाना पकाने पर कार्यशालाओं/व्यावहारिक सत्रों की पेशकश करने का फैसला किया है । स्नातकोत्तर प्रबंधन कार्यक्रम के शामिल होने के एक भाग के रूप में छात्रों को सिखाया जाएगा-चावल कैसे पकाना है (एक प्रेशर कुकर की मदद के साथ और उसके बिना), सादी दाल कैसे पकानी है (एक प्रेशर कुकर की मदद के साथ और उसके बिना), चपाती/रोटी कैसे बनानी है , कैसे एक साधारण सादे सूखी करी तैयार करनी है और कैसे एक ग्रेवी करी तैयार करनी है ।
इस पर SIBM पुणे के निदेशक और सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट के डीन, डॉ रामकृष्णन रमन ने कहा,”हमें लगा कि खाना बनाना एक बुनियादी जीवन कौशल है और सीखने के लिए तो कभी देर नहीं होत। हमारे स्नातकोत्तर प्रबंधन के छात्रों को कॉर्पोरेट दुनिया के लिए आवश्यक प्रबंधन अवधारणानायें सिखायी जाती ह। इसके अलावा हमने महसूस किया कि ‘बुनियादी खाना पकाना’ सीखना उनके भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।
इस जीवन कौशल को सिखाने के लिए, SIBM पुणे सिम्बायोसिस स्कूल ऑफ कुलिनरी आर्ट्स (एसएसएलए) के साथ सहयोग करने की योजना बना रहा है जो सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी का ही एक अंग भी है।
शेफ अतुल ए गोखले, जो कि पुणे के सिम्बायोसिस स्कूल ऑफ कुलिनरी आर्ट्स, सिम्बायोसिस इंटरनेशनल (डीम्ड यूनिवर्सिटी) के निदेशक हैं, कहते हैं, “SIBM पुणे की ये योजना सराहनीय है, क्योंकि वे अपने प्रबंधन के छात्रों को इन बुनियादी जीवन कौशल जैसे सादा खाना पकाना सिखा रहे है। यह एक अद्भुत पहल है। ”
जबकि घर से काम और प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करने में ही रूचि ले जा रही है, वहां SIBM पुणे जैसे बी स्कूलों हैं जो परे सोच रहे है और भविष्य में अस्तित्व के लिए आवश्यक जीवन कौशल के लिए योजना बना रहे हैं ।