प्रचार के लिए नहीं, असली कारण के लियें आवाज़ बुलंद करें

प्रचार के लिए नहीं, असली कारण के लियें आवाज़ बुलंद करें नाइन एंगल फाउंडेशन - Social News Digpu

नाइन एंगल फाउंडेशन मुख्य रूप से अपने संस्थापकों और कुछ व्यक्तियों, जो समाज की दिशा में काम करना चाहते हैं, उनके योगदान से ही चल रहा है।

नाइन एंगल फाउंडेशन संस्था प्रमुख, अदनान सफी, भारत के आम व्यक्ति से निवेदन करते हैं कि उन्हे आंखो पर पट्टी बाँधकर किसी भी झूठ या फ़रेब वाले तथ्यों  का समर्थन नहीं देना चाहिए बल्क़ि सही बात ओर मानवीय पहलुओं को प्राथमिकता देनी चाहियें और जरूरतमंद ,गरीब की मदद करनी चाहियें |

वैश्विक महामारी Covid-19 के इस संकटकालीन समय के बारे में अदनान कहते हैं,” उन सभी लोगों के लिए जो जीवन की क्रूर वास्तविकता से अनजान हैं, मैं पूछता हूं- अगर हम भूख को जीत नहीं सकते हैं, तो हमने अंतरिक्ष पर विजय प्राप्त करके क्या हासिल किया है? जहां पूरी दुनिया अब तक के सबसे घातक वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट है, वहीं कई लोग एक-दूसरे पर दोषारोपण कर देश का माहौल खराब करने में लगे हुए हैं। ऐसे समय में लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते हुए देखना निराशाजनक है जब हमें एक साथ खड़े होकर अपने देश में COVID-19 संकट से लड़ने की जरूरत है ।”

हम कोशिश करें की इस मुश्किल समय में सभी देशवासियों को एकजुट होकर इस घातक महामारी से निदान पायें |

जबसे ये घातक महामारी कोरोना वायरस हमारे देश मे आयी है और इसने अपना गंभीर प्रभाव दिखाना शुरू किया है तभी हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घातक संकट के प्रभाव से जनता को बचाने के लिए सर्वप्रथम 21 दिन का लॉक डाउन की घोषणा की थी| तभी से हमारे देश की जनता मे अलग अलग विरोधी बोल गूंजने लगे कुछ लोगों ने तो इस लॉकडाउन की कोई परवाह नहीं की तथा कुछ विरोधियों ने इंटरनेट पर प्रधानमंत्री के खिलाफ झूठी व गलत अफवा फेलाना ओर पोस्ट करना शुरू कर दिया था जो की गलत है |

प्रधानमंत्री के 9PM9Minutes के आह्वान पर बोलते हुए अदनान सफी कहते हैं, “कोई भी सामान्य व्यक्ति या बड़ा राजनेता अपने आप मे पूर्ण नहीं होता है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई गंभीर घोषणाओं की खिल्ली उड़ाने वालों को नियंत्रित करना चाहिए, क्योंकि अनजाने में वे पूरे राष्ट्र का मजाक उड़ा रहे हैं । हमारे प्रधानमंत्री द्वारा घोषित एक प्रतीक, एक इशारा या साझा गतिविधि सभी को एक साथ लाना था, ताकि हम में से हर एक को प्रभावित करने वाले इस अभूतपूर्व संकट के खिलाफ हमें जुड़ाव महसूस हो सके और यह एक योग्य विचार है । कोई तर्क खोजने के बिना हमने ऐसा किया, बस साथ खड़े होने और अपने पूरे साथी भारतीयों में शामिल होने के लिए जो इस पर विश्वास करते थे । लेकिन आतिशबाजी के साथ सड़कों पर नाचते और जश्न मनारहे लोग बेहद निंदनीय हैं । ऎसे मूर्खता पूर्ण काम की वजह से महाराष्ट्र के सोलापुर हवाई अड्डे पर खतरनाक आगजनी का सामना करना पड़ा|”

इस तनाव ग्रस्त माहोल मे हमें जरूरत है उन लोगों के लिए प्रार्थना करने की जो दिन रात कोरेना पीड़ितो की देखभाल और अन्य लोगो की सुरक्षा मे जुटे हैं| दूसरी तरफ COVID-19 की वजह से देश की अर्थव्यवस्था धीमी हो जाने से गरीब मज़दूरों की व रोज कमाकर खाने वाले दहाड़ी मज़दूर की आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई है| इस मुश्किल समय मे नाइन एंगल फ़ाउंडेशन ने अपना ध्यान गरीब रिक्शा चालकों , दिहाड़ी मजदूरों व अन्य जरूरतमंद की आर्थिक मदद करने की ओर केंद्रित किया है जिन्होंने इस महामारी के जटिल प्रभाव मे अपना रोजगार खो दिया है|

नाइन एंगल फाउंडेशन मुख्य रूप से अपने संस्थापकों और कुछ व्यक्तियों, जो समाज की दिशा में काम करना चाहते हैं, उनके योगदान से ही चल रहा है।राष्ट्रीय की नाइन एंगल फ़ाउंडेशन पूरे देश के कोने कोने मे शिक्षा ओर गुणवक्ता वाले भोजन की संस्कृति को फेलाना चाहती है तथा यह संस्था शिक्षा ओर स्वास्थ्य की स्थानीय ओर राष्ट्रीय जरूरत को पूरा करने की पहल कर रही है| समाज के प्रति उनके प्रयासों से जुड़ने के लिए नाइन एंगल फाउंडेशन में योगदान दें|

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