मृत्यु सत्य हैं सत्य ही जीवन – श्मशान में जलती चिता झूठ नहीं बोलती
कोविड-19 की दूसरी लहर ने आज मौतों का अंबार लगा दिया| बेशर्म सरकारे वैक्सीन और मोदी जी महापुरुषों की जयंती पर भी वैक्सीनेशन का उत्सव बना रहे थे। अस्पतालों में कोविड जांच के सेंटरों पर लंबी लाइनें लग चुकी हैं | जो मंजर इटली में देखा गया था, आज वह भारत में देखा जा रहा है। सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लियें मौत के आंकड़े छिपा रही हैं लेकिन सरकार सत्ता का पावर दिखा कर लाख कोशिश कर ले कि कोरोना से उनके यहाँ अधिक मौतें नहीं हो रही, लेकिन शमशान घाट में जो चितायें दिन रात जल रही हैं ,वो बिन कह भी सब बया कर रही हैं कि स्थिति कितनी भयानक दौर में है।
श्मशान में सेवादार – विजेन्द्रपाल (परिवर्तित नाम) राजस्थान कहते हैं, ” साहब, हमारा काम श्मशान में लकड़ियां बेचने का है। पिछले 4 दिनों से ऐसा लग रहा है जैसे इतनी लाशों के अंतिम संस्कार कभी देखा नहीं। लोगों के लियें लकड़ियां कम पड़ गई, यह मंजर देखने को मिल रहा है।पहले सूर्यअस्त के बाद लाश नहीं जलाते थे लेकिन आज जगह ही नहीं बची है। जहां देखों चिता और राख का अंबार लगा है। यह बीमारी घातक होती जा रही हैं संक्रमण से बचना जरूरी है। “
राजस्थान में बीते दिन तक एक्टिव रोगी 50 हजार पार पहुँच चुके हैं इसके साथ ही रिकॉर्ड 7359 नयें मरीज , 31 मौतें हो चुकी हैं
एक दिन में मिलने वाले संक्रमण के मरीज़ों का आंकड़ा गुरुवार को दो लाख पहुंच गया है। देश में पिछले 24 घंटों में दो लाख नए कोरोना मरीज मिले हैं और 1037 मरीज़ों की जान चली गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटों में 2,00,739 नए कोरोना मरीज मिले। इसी के साथ देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1,40,74,564 पहुंच गए हैं। वहीं बीते 24 घंटों में 1,038 लोगों ने कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया। इसी के साथ कोविड से मरने वालों की संख्या 1,73,123 हो गई। पिछले छह महीने में एक दिन में जान गंवाने वालों का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले, पिछले साल 17 अक्तूबर को सबसे ज्यादा 1,032 लोगों की मौत हुई थी।
मध्यप्रदेश के भोपाल से श्मशान घाट में एक साथ 40 लाशें जलती हुई एक वीडियों वायरल हैं जो कि सत्य है।
महाराष्ट – महाराष्ट के उस्मानाबाद से बड़ी भयानक तस्वीर सामने आई हैं जिसमे भी एक साथ कई लाशों का अन्तिम संस्कार किया जा रहा है।
उतर प्रदेश – वाराणासी के हरिश्चंद घाट पर भी लाशों की लम्बी कतार लगी है। शव जलाने की जगह नहीं बची है। दर्जनों लोग अपने परिजनों की लाश को लेकर अन्तिम संस्कार के लियें खडें हैं |
भारत में कुल रिकवरी आज 1,26,71,220 हो गई है। राष्ट्रीय रिकवरी दर 87.23 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों में 1,23,354 रिकवरी दर्ज की गई। पिछले 24 घंटों में 1,341 मौतें दर्ज की गईं। ( स्रोत – PIB,17अप्रैल 21 )

स्वास्थ्य मंत्रालय के सरकारी आकड़ें – हास्यपद धरातल से कुछ अलग
पिछले 24 घंटों में 30 लाख से अधिक टीके लगाए जाने के साथ भारत का कुल टीकाकरण कवरेज 12 करोड़ के पास पहुंचा । नये मामलों के 79 प्रतिशत 10 राज्यों से रिपोर्ट किये गये । दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत देश में लगाए गये कोविड-19 टीकों की कुल संख्या आज 12 करोड़ से अधिक हो गई।
आज सुबह सात बजे तक की अनंतिम रिपोर्ट के अनुसार, 17,37,539 सत्रों के जरिये कुल मिलाकर 11,99,37,641 टीके लगाये जा चुके हैं। इनमें 91,05,429 एचसीडब्ल्यू है, जिन्होंने पहली खुराक ली है तथा 56,70,818 एचसीडब्ल्यू है, जिन्होंने दूसरी खुराक ली है, 1,11,44,069 एफएलडब्ल्यू (पहली खुराक), 54,08,572 (दूसरी खुराक) 60 वर्ष से अधिक आयु के 4,49,35,011 पहली खुराक के लाभार्थी तथा 34,88,257 दूसरी खुराक के लाभार्थी एवं 45 से 60 वर्ष की उम्र के 3,92,23,975 (पहली खुराक) तथा 9,61,510 (दूसरी खुराक) के लाभार्थी शामिल हैं।
स्वास्थ्यकर्मी | फ्रंटलाइन वर्क्रस | आयु वर्ग 45-60 वर्ष | 60 वर्ष से अधिक | कुल उपलब्धि | ||||
पहली खुराक | दूसरी खुराक | पहली खुराक | दूसरी खुराक | पहली खुराक | दूसरी खुराक | पहली खुराक | दूसरी खुराक | 11,99,37,641 |
91,05,429 | 56,70,818 | 1,11,44,069 | 54,08,572 | 3,92,23,975 | 9,61,510 | 4,49,35,011 | 34,88,257 |
देश में अभी तक लगाये गये कुल टीकों के 59.56 प्रतिशत में 8 राज्यों की भागीदारी है।
ख़ास नज़र –
देश में कोविड 19 की दूसरी लहर अपने चरम स्तर पर है। मौतों का आकड़ा चिंताजनक है लेकिन सरकार अभी चुनावों में व्यस्त हैं। सरकार अभी सत्ता प्राप्ति के लियें लालायत हैं, अभी उसके पास जनता के दुःख और कोरोना वैश्विक महामारी के लियें समय नहीं है। इसलिए जीवन को प्राथमिकता दें और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें क्योंकि कोविड आपको अब समय नहीं देगा। लापरवाही महंगी पड़ रही है। लोगों को अपने रिश्तदारों से मिलने तक का भी समय नहीं मिल रहा है। सप्ताह भर में ही व्यक्ति की म्रत्यु हो रही है।अस्पतालों में स्थिति भी ज्यादा बेहतर नहीं दिख रही, इसलिए सतर्क रहें |