यूपीईएस के छात्रों ने विभिन्न उद्योगों की कई भारतीय और वैश्विक कंपनियों, स्टार्टअप और यूनिकॉर्न में जगह हासिल की है।
कोविड-19 की वजह से कई महीनों तक काम बाधित रहने के बाद अब भारतीय कंपनियां अपने पैरों पर वापस खड़े होने की कोशिशें कर रही हैं। ये कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों का ज्ञान रखने वाले, बगैर किसी प्रशिक्षण के कार्य करने को तैयार रहने वाले पेशेवरों की मांग कर रही हैं। कंपनियां चाहती हैं कि ये पेशेवर प्रतिस्पर्धी होने के बजाय सामूहिक ढंग से काम करने की योग्यता रखते हों।
यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) एक प्रमुख बहु-विषयक और विशेषज्ञता केंद्रित विश्वविद्यालय है। इसने शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के लिए अपने वार्षिक प्लेसमेंट का समापन किया और विभिन्न उद्योगों के संगठनों में इस ट्रेंड को देखा। विश्वविद्यालय ने कुल 94 फीसदी प्लेसमेंट दर्ज किए। स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस, स्कूल ऑफ बिजनेस, स्कूल ऑफ डिजाइन और स्कूल ऑफ लॉ के 2,297 अंडर-ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट छात्रों ने 580 से ज्यादा कंपनियों से 2,818 ऑफर प्राप्त किए।
यूपीईएस के छात्रों ने विभिन्न उद्योगों की कई भारतीय और वैश्विक कंपनियों, स्टार्ट-अप और यूनिकॉर्न में जगह हासिल की है। यूपीईएस से भर्ती करने वाले टॉप रिक्रूटर्स की लिस्ट में एक्सेंचर, अदाणी पावर, आदित्य बिरला, अमेज़न, अमेरिकन एक्सप्रेस, बॉश, बायजू’ज, कैपजेमिनी टेक्नोलॉजी सर्विसेज, दिल्ली, ज़ीग्लर एरोस्पेस, मारुति सुजुकी, हुंडई मोटर इंडिया, रॉयल एनफील्ड, इंडिगो एयरलाइंस, एचएसबीसी, एचडीएफसी लिमिटेड, डेलोइट, केपीएमजी, पीडब्ल्यूसी, वाइल्डक्राफ्ट, फोनपे, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, नेस्ले, आईटीसी लिमिटेड, डेल टेक्नोलॉजीज़, हिताची कन्सल्टिंग, आईबीएम, रिलायंस जिओ इंफाकॉम इत्यादि शामिल हैं।
प्लेसमेंट की प्रक्रिया बेहद सफल रहने पर टिप्पणी करते हुए यूपीईएस के वाइस-चांसलर डॉ. सुनील रॉय ने कहा, “हमारे छात्रों की रोजगार पाने की जो क्षमता है, वह खुद उनके, उनके प्रोफेसर्स-कम-मार्गदर्शकों, अकादमिक और गैर-अकादमिक टीमों द्वारा की गई कड़ी मेहनत का नतीजा है। उन सभी छात्रों को मेरी हार्दिक बधाई, जिन्होंने वैश्विक व राष्ट्रीय स्तर पर अर्थव्यवस्थाओं को झकझोर कर रख देने वाले इस अभूतपूर्व वर्ष द्वारा पैदा की गई चुनौतियों का सामना करते हुए प्लेसमेंट पाने में कामयाब हासिल की। मैं इसे बहुत कुछ सीखने के वर्ष के रूप में भी देखता हूं। मुझे छात्रों द्वारा प्रदर्शन किए गए लचीलेपन और किसी भी परिस्थिति से सामंजस्य बैठाने के गुण पर गर्व है। ये कुछ ऐसे गुण हैं जिसे हर संगठन अपने संबंधित डोमेन के ज्ञान के अलावा अपने युवा व वरिष्ठ दोनों तरह के कर्मचारियों में चाहता है।”
कोविड-19 से निपटने का मंत्र : प्लेसमेंट की बहु-आयामी रणनीति
कोविड-19 का हमला उस वक्त हुआ जब यूपीईएस में प्लेसमेंट ड्राइव अपने चरम पर थी। हालांकि, हमने स्थिति का गहन मूल्यांकन किया और रिक्रूटर्स की भावनाओं का विश्लेषण किया। इस आधार पर तैयार की गई एक बहु-आयामी रणनीति ने अप्रत्याशित परिस्थितियों को सामना करने में छात्रों की मदद की। 2400 से ज्यादा इंटर्नशिप (ज्यादातर वर्चुअल) की व्यवस्था की गई, ताकि छात्रों को अपने ज्ञान और कौशल के उपयोग का रियल-टाइम अनुभव मिल सके। रोजगार पाने की उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए क्रॉस-फ़ंक्शनल विशेषज्ञता देने वाले विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रमों की योजना बनाई गई। विश्वविद्यालय ने उन्हें कोरसेरा जैसे ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्मों तक पहुंच प्रदान की और उन्हें अपने कोर और संबद्ध क्षेत्रों में अतिरिक्त विशेषज्ञता हासिल करने के लिए सर्टिफिकेशन कोर्स पाने को प्रोत्साहित किया।
मांग-आपूर्ति में अंतराल को कम करने की कोशिश
भारतीय उद्योग जगत पर गंभीर दबाव की स्थिति में, संगठन अपने दूसरे भर्ती स्रोतों के अलावा, सही नौकरी के लिए सही उम्मीदवार को नियुक्त करने के लिए कैंपस प्लेसमेंट पर भरोसा कर रहे हैं। यूपीईएस की एज (इन्हैंस्ड डेवलेपमेंट फॉर ग्रोथ एंड एनरिचमेंट) पहल अपने चुने हुए क्षेत्रों में कार्रवाई के महत्वपूर्ण क्षेत्रों- उद्यमिता, परीक्षा की प्रक्रिया (जैसे कि भारतीय सशस्त्र बलों के लिए सेवा चयन बोर्ड) और नियोजनीयता पर ध्यान देने के साथ छात्रों की मदद करती है। एज के जरिये यूपीईएस की कैरियर सेवा विंग प्रत्येक छात्र की व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रशिक्षण और मेंटरशिप कार्यक्रमों को संचालित करती है। ये कार्यक्रम इस पर निर्भर करते हैं कि वे एक स्टार्ट-अप चलाना चाहते हैं, प्रवेश परीक्षा के लिए बैठते हैं, सामाजिक कार्य करने के इच्छुक हैं या फिर एक कॉर्पोरेट कैरियर शुरू करते हैं।