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ओपिनियन

मुश्किलें आएँगी लेकिन जिंदगी में कुछ पाना हैं तो तपना तो पड़ेगा – कैलाश खेर

किसी ने ठीक ही कहा है जिंदगी का दूसरा नाम संघर्ष है।हर एक इंसान को लगता है कि उसके जीवन में औरों के मुकाबले ज्यादा संघर्ष और तकलीफे आती है। लेकिन हकीकत में हर एक मनुष्य का जीवन कठिनाइयों से भरा होता है हर आदमी कभी ना कभी अपने जीवन में ऐसे मुकाम पर पहुंच जाता है कि उससे लगता है कि अब और नहीं बहुत हुआ और अपने जीवन को खत्म करने की ठान लेता है। जीवन के संघर्ष के बारे में अगर कुछ सीखना हो तो हम सब गीतकार कैलाश खेर के जीवन से सीख सकते हैं। आज दुनिया भर में कैलाश खेर के करोड़ों चाहने वाले हैं। बहुत ही सामान्य घर में जन्मे कैलाश खेर ने इतनी विपत्तियां देखी कि वह खुद ही एक बार डिप्रेशन के शिकार हो गए और अपने जीवन को खत्म करने के इरादे से गंगा में कूद गए। उन दिनों कैलाश को तैरना भी नहीं आता था, लेकिन भगवान की कुछ और ही मर्जी थी, डूबते हुए कैलाश को कुछ लोगों ने देख लिया और उन्हें डूबने से बचा लिया। आज वही कैलाश खेर कामयाबी के शिखर पर है।

कैलाश खेर के जीवन की कहानी सभी की लिये सन्देश हैं

कैलाश खेर के जीवन की कहानी हम सभी के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत है। सोचिए अगर उस दिन कैलाश नहीं बच पाते तो क्या आज हम सब उन्हे सुन पाते? इसी तरह सब के जीवन में मुसीबतें आती है। कैलाश का मानना है कि जिंदगी में जब भी मुसीबतें आती है इसका मतलब है कि भगवान हमको तपा रहे हैं और भगवान जब तपाते हैं तो इसका मतलब है कि जीवन में कुछ बड़ा होने वाला है।

जीवन के संघर्ष को समझने के लिए एक और उदाहरण देता हूं आप सभी ने जापान देश की समुराई तलवार के बारे में तो सुना ही होगा। अगर नहीं सुना है तो मैं बता देता हूं कि जापान की समुराई तलवार इतनी मजबूत होती है कि बड़ी से बड़ी चीज को भी आसानी से काट देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि समुराई तलवार बनती कैसे है?सबसे पहले समुराई तलवार बनाने के लिए लोहे को आग में तपाया जाता है और फिर उसे तलवार का आकार देने के लिए हथौड़े से पीटा जाता है। तलवार जैसे ही आकार में आ जाती है उसे दोबारा आंच में गर्म किया जाता हैं और फिर ठंडे पानी में डाला जाता है। यही प्रक्रिया 7 बार दोहराई जाती है कई दिनों की मेहनत के बाद समुराई तलवार बनती है और  तब जाकर वह इतनी मजबूत होती है। अब जरा ध्यान से सोचिए हम सबका जीवन भी समुराई तलवार जैसा ही है जितना आग में तपेगे उतना ही मजबूत होगे।

जीवन को अच्छे से जीने के लिए सिर्फ नजरिया बदलने की देर है |

जिसका जीवन जितना कठिन होता है वह उतना ही ज्यादा सीखता है और उतना ही ज्यादा कामयाब होता है। जरूरत है तो सिर्फ नजरिया बदलने की,अगर हम सब जीवन में रोज आने वाली मुसीबतों को संघर्ष की तरह न देखकर सिर्फ यह सोचे कि यह तो तपने का समय है यानी कि बहुत जल्दी कुछ अच्छा होने वाला है।

सभी को अपने से ज्यादा सामने वाले का जीवन आसान लगता है |

जब एक गरीब आदमी किसी अमीर को बड़ी गाड़ी में घूमते हुए देखता है तो उसे लगता है कि वाह क्या जीवन है काश मेरा भी ऐसा जीवन हो पाता। लेकिन वह नहीं जानता कि उस बड़ी गाड़ी या बंगले तक का सफर उसने कैसे तय किया, कितनी मुश्किलें देखी होगी।

पिछले बीते कई सालों में भारत की जनता ने बहुत सी मुसीबतें देखी, पहले नोटबंदी और फिर तालाबंदी लाखों लोग घर से बेघर हो गए, कई बिजनेस डूब गए और हजारों ने आत्महत्या कर ली। इस लेख के द्वारा हमारा संदेश सभी के लिए है कि जीवन अनमोल है। मरना या किसी को मार देना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। समाधान है तो सिर्फ नजरिया बदलने का।

यह दिग्पू न्यूज़ नेटवर्क की तरफ से कैलाश खेर जी का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने अपने जीवन की कहानी इतनी विस्तार में हमारे सहयोगी रेबा अयाज के सामने रखी। सचमुच हम सब को उनके जीवन से सीखना चाहिए।अभी देखिए यह एक्सक्लूसिव इंटरव्यू : 

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