वीडियो कॉल के ज़रिए भारतीय ग्राहकों को ठगने की कोशिश, बैंकिंग डेटा लीक के शक ने साइबर सुरक्षा पर सवाल खड़े किए।
शनिवार का दिन था, सुबह के 9:30 बजे थे, मैं ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था कि अचानक मेरी पत्नी कमरे में आईं और बताया कि किसी का कॉल आया है, जो खुद को एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) से बता रहा है। वह कह रहा है कि मेरा 5 लाख रुपये का इनाम निकला है और मुझसे कह रहा है कि अगर मुझे 5 लाख रुपये चाहिए, तो भेजे हुए लिंक पर अपने दस्तावेज, जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि, सबमिट करके भेज दूं।
मेरी पत्नी ने यह भी बताया कि उसने उस व्यक्ति से कहा है कि आप 5 मिनट बाद कॉल करें ताकि मैं अपने पति से इस बारे में चर्चा कर सकूं। अब फिर से 5 मिनट बाद कॉल आएगा।
हम तुरंत समझ गए कि यह कोई स्पैम कॉल है। ठीक 5 मिनट बाद फिर कॉल आया और इस बार मैंने बात की। बात करते ही मुझे एहसास हो गया कि ये कोई स्पैमर हैं। स्पैमर ने अपना नाम अजय बताया और कहा कि मैं जम्मू की एसबीआई शाखा से बोल रहा हूं और आपका 5 लाख रुपये का इनाम निकला है । इतना ही नहीं, उसने कहा कि 5 मिनट में आपके पैसे भी ट्रांसफर हो जाएंगे, बस आपको उनके भेजे हुए लिंक पर क्लिक करके अपनी जानकारी सबमिट करनी है।
मेरी पत्नी का बैंक खाता जम्मू की एक शाखा में है। बड़ी बात यह थी कि उनके पास बैंक खाते से संबंधित सभी जानकारी पहले से ही मौजूद थी।
मैंने कॉल करने वाले व्यक्ति से कहा कि मुझे उसकी बातों पर यकीन नहीं हो रहा, क्या हम वीडियो कॉल कर सकते हैं? उसने वीडियो कॉल के लिए हां कर दी और मेरी पत्नी के व्हाट्सएप नंबर पर 2 मिनट बाद दोबारा कॉल किया।
वीडियो कॉल में मैंने देखा कि एक 24-25 साल का नौजवान एक ऑफिस में बैठा है, जिसने एसबीआई का आईडी कार्ड पहन रखा है और उसके पीछे एसबीआई की कैनोपी लगी हुई है। इतना ही नहीं, उस व्यक्ति ने मुझे लाखों भारतीय रुपये नकद भी दिखा दिए और कहा कि हम स्पैमर नहीं हैं, आप चिंता न करें।
सब कुछ इतना अचानक हो रहा था कि मैं वीडियो कॉल रिकॉर्ड नहीं कर सका, लेकिन मैंने तुरंत एक स्क्रीनशॉट ले लिया।
उस व्यक्ति ने 2-3 मिनट बाद वीडियो कॉल काट दिया और दोबारा से वॉयस कॉल की। इस बार मैं पूरी तरह तैयार था और मैंने अपने सवाल पूछने शुरू किए, जैसे कि एसबीआई बैंक वाले व्हाट्सएप पर क्यों कॉल कर रहे हैं? भारत में कोई भी बैंक व्हाट्सएप पर लोन से संबंधित जानकारी के लिए कॉल नहीं करता। बात आगे बढ़ी तो मैंने गौर किया कि उस व्यक्ति के साथ कोई और भी है, जो इस कॉल को सुन रहा है और उसे निर्देश दे रहा है। इसके अलावा, बैकग्राउंड में गधे के आवाज़ की आवाजें आ रही थीं। मैं तुरंत समझ गया कि यह कॉल भारत के बाहर से की जा रही है। गधे तो ज्यादातर पाकिस्तान के कराची शहर में होते हैं। भारत में बहुत कम जगह हैं जहां गधे होते हैं। और अगर शहरों की बात करें तो भारत के किसी भी घनी आबादी वाले शहर में आपको गधे नहीं मिलेंगे।
कई सवालों के बाद मैंने कहा कि मुझे उस व्यक्ति से बात करनी है जो तुम्हारे साथ है और तुम्हें यह निर्देश दे रहा है। तो उसने अपना फोन उस दूसरे व्यक्ति को दे दिया। अब बातें आगे बढ़ीं तो मैंने साफ-साफ पूछ लिया कि क्या तुम्हें शर्म नहीं आती, भोले-भाले लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हो? और क्या पुलिस का डर नहीं है, जो तुम वीडियो कॉल भी कर रहे हो। यह सुनते ही वह जोर-जोर से हंसने लगा और मुझसे कहने लगा कि मैं बहुत गरीब हूं और इसलिए यह सब कर रहा हूं। मेरा आज पिज़्ज़ा खाने का मन कर रहा था, इसलिए सोचा थोड़ी सी धोखाधड़ी कर लूं।
इस व्यक्ति से बात करने के बाद मेरा शक अब और भी पक्का हो गया कि यह कॉल पाकिस्तान से की जा रही है। पहले तो उसका लहजा भारत जैसा नहीं लग रहा था और अगर भारत में कोई स्पैमर कॉल करता भी है, तो वह इतनी बेखौफ होकर इतनी देर तक बात नहीं करता, क्योंकि उसे पकड़े जाने का डर होता। लेकिन जिस तरीके से वह मुझसे बात कर रहा था, उससे लग रहा था कि न ही उसे पकड़े जाने का डर है और न ही कॉल को ट्रेस किए जाने का।
2-3 मिनट बात करने के बाद बातें अब मजाक में तब्दील होने लगीं। मेरा ऑफिस जाने का समय हो रहा था, और मैंने कहा कि अब दोबारा फोन मत करना। फोन काटने से पहले मैंने पूछा कि रोज कितने लोगों को ऐसे ठगते हो? तो उसने बताया कि यह निर्भर करता है, 4-5 लोग तो ठग ही लेता हूं।
बातें लंबी हो रही थीं और स्पैमर का मूड फोन रखने का नहीं था। वह मजाक करने लगा और मुझसे पिज़्ज़ा के पैसे देने की गुजारिश करने लगा।
मैंने फोन काट दिया और जिस नंबर से फोन आया था उसे ब्लॉक कर दिया। इसके बाद जो हुआ वह थोड़ा चौंकाने वाला था। ठीक 2 मिनट बाद मैं देखता हूं कि मेरी पत्नी के खुद के नंबर से व्हाट्सएप पर कॉल आने लगा। मेरा मतलब है, हमारे खुद के नंबर से ही हमें कॉल आ रहा था।
मैंने फोन काट दिया, लेकिन फोन बार-बार आता रहा, तो मेरे पास इस फोन को बंद करने के अलावा कोई और चारा नहीं था। आखिरी में परेशान होकर मैंने अपनी पत्नी के फोन को स्विच ऑफ कर दिया और थोड़ी देर बाद सिम कार्ड भी निकाल दिया।
जो भी हुआ वह थोड़ा अजीब था, लेकिन एक बात जो मुझे समझ में आई, वह यह कि हम लोग तो मीडिया वाले हैं और इस तरह के स्पैमर्स को आसानी से पहचान लेते हैं। लेकिन भारत की इतनी बड़ी आबादी है और एसबीआई के ग्राहक तो ज्यादातर मध्यम वर्ग और गरीब लोग हैं। उन्हें कैसे समझ आएगा कि कोई उन्हें स्पैम कर रहा है?
इसके अलावा, सबसे बड़ी बात जो मुझे थोड़ी चिंता दे रही है, वह यह कि कैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का डेटा लीक होकर पाकिस्तान तक पहुंच गया। इसका सीधा मतलब है कि हमारे बैंकिंग सिस्टम में कहीं न कहीं कोई लीक है।
इस तरह अगर हमारे सरकारी बैंकों का डेटा लीक होता रहा, तो न जाने भारत में कितने लोग इन स्पैमर्स का शिकार बनेंगे।