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मशहूर सुपर स्टार धर्मेंद्र अब संत बनने की राह पर

मुंबई। जी ठीक पढ़ा आपने, अब देश के अति लोकप्रिय बॉलीवुड एक्टर धर्मेंद्र अब संत बनने की राह पर अग्रसर है अपनी दाढ़ी- मूछ में पूरी तरह संत की तरह नजर आने लगे हैं। आइए जानते हैं क्योंकि उनके अपने जीवन के 81 वर्ष पूर्ण कर लेने के बाद उनके अचानक  संत बनने के पीछे क्या कारण है? आखिर वह क्या बात है जिसके कारण वो इस सांसारिक दुनिया को छोड़ कर साधु -महात्मा बन जाना चाहते हैं ?जानते हैं कि अपने लंबे फिल्मी कैरियर में सैकड़ों पुरानी हिट और यादगार फिल्में देने वाले  धर्मेंद्र गृहस्थ जीवन छोड़कर संत बनने के पीछे का असली कारण क्या है ?

क्या धर्मेंद्र के संत के पीछे की हकीकत

अभिनेता धर्मेद्र की इस तरह लंबी-लंबी दाढ़ी-मूंछ में देखकर शायद आप भी बहुतों की तरह धोखा खा गये होंगे। दरअसल फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र अपनी असल जिंदगी में नहीं, बल्कि एक वेब सीरीज में सूफी संत सलीम चिश्ती की भूमिका निभा रहें हैं। उनका संत सलीम   चिश्ती का रंग-रूप  फैन्स द्वारा खूब सराहा जा रहा है़। दरअसल  फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र वेब सीरीज ताज: डिवाइडेड बाई ब्लड से अपना ओ टी टी डेब्यू करने जा रहें हैं।

धर्मेंद्र ने सलीम चिश्ती बनने की क्यों सोंची?

पुरानी फिल्मों के मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र से जब यह पूछा गया कि इस वेब सीरीज उन्होंने सलीम चिश्ती के करेक्टर की भूमिका निभाने की क्यों सोंची ?तो इस सवाल के उत्तर में उनका यही जवाब था कि वे सूफी संत शेख सलीम चिश्ती के जीवन दर्शन से अत्यधिक प्रभावित रहे हैं।

आखिर कौन हैं ये सूफी संत सलीम चिश्ती

संत सलीम चिश्ती अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के पुत्र थे । जो सदा परमेश्वर की इबादत में तल्लीन रहते थे।  मुगल शासक अकबर  के जब कोई संतान नहीं हो रही थी, तब इन्हीं सूफी फकीर शेख सलीम चिश्ती के आशीर्वाद से ही अकबर घर में पुत्र पैदा हुआ था । जिसका नाम उन्होंने सलीम रखा । ऐसा कहा जाता है कि मुगल सम्राट अकबर संत सलीम चिश्ती कि दुआ से ही उन्हें शोहरत मिली और अनेक राज्यों पर विजय हासिल हुई। अकबर ने सलीम चिश्ती के सम्मान में इतिहास प्रसिद्ध बुलंद दरवाजे का निर्माण कराया था।

आज भी सलीम चिश्ती की दरगाह पूरी करती है़ मन की मुराद

सूफी संत शेख सलीम चिश्ती एक विद्वान और संत थे। जिनकी समाधि आगरा से 35 किलोमीटर दूर फतेहपुर सीकरी में स्थित हैं। कहते हैं बाबा की दरगाह से कोई भी खाली हाथ नहीं जाता । जो लोग भी सलीम चिश्ती की दरगाह पर जाते हैं।बाबा उन सभी की मन की मुराद पूरी करते हैं । इसीलिए तो हर वर्ष लाखों की संख्या में हिंदू और मुसलमान दोंनो सलीम चिश्ती के दर पर जाते हैं। अपने लिए दुआ करते हैं और उन्हें सम्मान पूर्वक चादर चढ़ाते हैं।

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