$( '.theme-notice' ).each(function () { this.style.setProperty( 'display', 'none', 'important' ); });
शिक्षादिल-पज़ीर

श्रीनगर की मीर बारीक़ मंजूर ने इग्नू में बैचलर ऑफ कॉमर्स में किया टॉप

भारत की प्रतिष्ट केन्द्रीय विश्वविधालय इंदिरा गांधी राष्ट्रीय खुला विश्वविद्यालय (IGNOU) में देश के लाखों छात्र-छात्रायें पढ़ते हैं। उनमें से बैचलर ऑफ कॉमर्स में श्रीनगर की छात्रा, मीर बारीक़ मंजूर ने टॉप किया है, जो कि अब जम्मू-कश्मीर में युवाओं के लियें रोजगार सृजन शुरू करना चाहती है।

हाल ही में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय ओपन विश्वविद्यालय (IGNOU) के 33वें दीक्षांत समारोह में मीर बारिक मंज़ूर को नई दिल्ली में स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। इससे पहले, मीर बारिक मंज़ूर ने मिंटो सर्किल हाई स्कूल, श्रीनगर के राजबाग से स्कूली शिक्षा पास की और अपनी सीनियर सेकेंडरी बोर्ड परीक्षा में कश्मीर घाटी में 6 वां स्थान हासिल किया था।

यह उलेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर सहित भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उम्मीदवार परीक्षा में भाग लेते हैं। चार लाख से अधिक छात्र विश्वविद्यालय में नामांकित हैं।

पिछले साल अगस्त में अपने विशेष दर्जे (अनुच्छेद 370) को हटाकर घाटी में अनिश्चितता और भ्रम की स्थिति को देखते हुए मीर बारिक की उपलब्धि एक बड़ी उपलब्धि रही है।

अपनी इस सफलता पर मीर बारीक़ मंजूर ने कहा,”मैं इस उपलब्धी पर खुश हूँ और यह एक सकारात्मक सन्देश है उन लडकियों और लोगों के लियें जो रूढ़िवादी सोच रखते हैं। उनसे कहना चाहती हूँ आज लड़कीयां किसी से पीछे नहीं है साथ ही जब कश्मीर विशेषकर डाउनटाउन क्षेत्र की खराब छवि दिखाई जा रही है लेकिन यह बदलाव एक अच्छी शुरुआत है।”

“मेरे माता-पिता को में धन्यवाद करती हूँ की आप की प्रेरणा व् लग्न ने मुझे यह सुनहरा अवसर प्राप्त करने में मुख्य भूमिका निभाई मेरे माता-पिता ने कभी मुझे बेटे से कम नहीं समझा , आप ही मेरे आदर्श हैं।”

यह पूछे जाने पर कि घाटी के अन्य छात्रों के लिए उनकी सलाह क्या होगी, वह कहती हैं, “जीवन चुनौतियों, संघर्षों और उन्हें खत्म करने के बारे में है जो हमेशा आपके दिमाग में होना चाहिए। आपको प्रतिबद्ध होना होगा और चुनौतियों को अवसरों में बदलना होगा।

बारिक अब सिविल सर्विसेज के लिए क्वालिफाई करना चाहती हैं । इसके साथ ही , वह एक उद्यम शुरू करने की योजना बना रही है ताकि रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें क्योंकि वह मानती है कि जम्मू-कश्मीर में लोगों के सामने सबसे ज्यादा परेशान करने वाला मुद्दा बेरोजगारी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button