महान कलाकारों की यादों को न मारिये
आर. के. स्टूडियो (RK Studio) के बाद राजकपूर का बंगला भी आखिकार बिक गया । सुना है़ उसका मूल्य 100 करोड़ भुगतान किया गया। जो वस्तु भारत के लिए अनमोल थी। उसका मूल्य किस तरह आंका जा सकता है़। भारतीय फिल्मों के शो मैन कहे जाने वाले राजकपूर की यादों की अति बहुमूल्य धरोहर चंद सिक्कों में किस तरह तौला जा सकता है़।
फिल्म अभिनेता राजकपूर आने वाली पीढ़ी के लिए एक अनुपम मिसाल हैं। उनकी जिंदगी के पन्नों को पढ़कर न जाने कितने ही राजकपूर पैदा होंगे। लेकिन उन संभावनाओं को कौड़ी के भाव बेंच दिया गया। यह अफसोसजनक है़। आने वाले समय में लोग उस महान कलाकार को भूल जाएंगे क्योंकि ‘ आवारा’ , ‘ 420’ मेरा नाम जोकर जैसी उत्कृष्ट फिल्मों के बेहतरीन कलाकार राजकपूर के निशान मिट चुके होंगे।
राजकपूर का बंगला बेचने के बजाय उस स्थान पर उनका भव्य स्मारक बनाकर उसे आम जनता के लिए खोल दिया जाना चाहिए। उस स्मारक में राजकपूर से जुड़ी हुईं यादों को संजोकर रखना चाहिए। ताकि लोग-बाग इस महान कलाकार को नजदीक से जानते। वहाँ उनकी यादगार फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जाना चाहिए। ताकि भारतीय फिल्म के इतिहास से रूबरू हो पाते।
हमारे देश के तमाम राजनेताओं के अनेक स्मृति भवन बनें हैं। लेकिन साहित्य, कला, संगीत और अभिनय से जुड़े महान कलाकारों की यादों को संजोकर रखने का उपाय भी करना चाहिए। वैक्स म्यूजियम इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है़। जिसमें तमाम महान लोगों मोम की मूर्तियाँ बनायी गयीं हैं । हम अपने देश के महान कलाकारों की यादों को संजो कर आने वाली पीढ़ी के लिए रखकर हम उन्हें सबसे अच्छी श्रद्धांजलि दे सकते हैं ।