पुरी बीच – एशिया का पहला ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन बीच
एक बीच को ब्लू फ़्लैग प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए कम से कम 33 पूर्व-आवश्यकताओं का पालन करने की आवश्यकता है। इसमें समुद्री जल, शौचालय, चेंजिंग रूम, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, सौर प्रकाश और पार्किंग स्थल की गुणवत्ता शामिल होती है।
पुरी बीच भारत के ओडिशा राज्य के पुरी शहर में एक समुद्र तट पर स्थित है। जो बंगाल की खाड़ी के तट के समीप है। यह एक पर्यटक आकर्षण केंद्र है एक हिंदू पवित्र स्थान होने के लिए जाना जाता है। यह बीच वार्षिक पुरी बीच महोत्सव की भी केंद्र है, जो भारतीय पर्यटन मंत्रालय, ओडिशा शहर, हस्तशिल्प विकास आयुक्त और पूर्वी क्षेत्रीय संस्कृति केंद्र, कोलकाता द्वारा सह-प्रायोजित है।
बीच पर रेत की कला प्रदर्शित होती है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता स्थानीय रेत कलाकार सुदर्शन पट्टनिक अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। ये रेत पर कलाकारी के कारण दुनिया भर मे प्रसिद्ध है। वह आमतौर पर अपनी कला के साथ एक संदेश देते है और वह अपने छात्रों को रेत की कलाकृति के लिए प्रशिक्षित भी करते है। उनके कुछ काम नीचे देखे जा सकते हैं:
ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन क्या है?
यह टैग पर्यावरण के अनुकूल और स्वच्छ बीच को दिया जाता है जो पर्यटकों के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों की सुविधाओं से लैस हैं। ओडिशा राज्य में पुरी बीच ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्राप्त करने वाला एशिया का पहला समुद्र तट होगा। डेनमार्क की एक संस्था फेडरेशन ऑफ एनवायरनमेंट एजुकेशन (FEE) ने प्रतिष्ठित ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन के लिए पुरी बीच का चयन किया है।
भारतीय बीचों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों तक लाया जा रहा है
वन और पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, पुरी के अलावा, भारत के कुल 13 समुद्र तटों में अब पर्यावरण के अनुकूल संसाधन होंगे और उन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों पर लाने का प्रयास करेंगे ताकि इन सभी समुद्र तटों को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट मिल सके।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक पहल सोसाइटी फॉर इंटीग्रेटेड कोस्टल मैनेजमेंट (SICOM), इस कार्यक्रम के तहत भारत के समुद्र तटों के विकास का अनुमान लगा रही है।
ब्लू फ्लैग प्रमाणन कैसे मिलता है?
एक बीच को ब्लू फ़्लैग सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए कम से कम 33 पूर्व-आवश्यकताओं का पालन करने की आवश्यकता है। इसमें समुद्री जल, शौचालय, चेंजिंग रूम, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, सौर प्रकाश और पार्किंग स्थल की गुणवत्ता शामिल है। जहां केंद्र सरकार परियोजना के लिए 10 करोड़ रुपये का निवेश करती है, वहीं SICOM इसे 2 करोड़ रुपये देती है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा 578 ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट बीच स्पेन में में है। इसके बाद 436 बीच तुर्की और 395 बीच ग्रीस में ब्लू फ्लैग सर्टिफ़ाई है।
भारत के लिए बड़ी उपलब्धि